नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग Hindi Tech DR में, आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगें IP Address के बारे मे. इस लेख में आप जानेंगें कि IP Address Kya Hota Hai, IP एड्रेस का इस्तेमाल क्यों किया जाता है, IP एड्रेस के प्रकार, IP एड्रेस कौन प्रदान करता है तथा IP एड्रेस से जुडी हर एक जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी.
जब आप इन्टरनेट एक्सेस करते हैं तो IP एड्रेस के द्वारा ही किसी वेबसाइट को एक्सेस कर पाते हैं, इन्टरनेट से फाइल डाउनलोड कर पाते हैं. इन्टरनेट में डेटा ट्रान्सफर करने के लिए IP एड्रेस बहुत महत्वपूर्ण होता है. बिना IP एड्रेस के यूजर का कंप्यूटर यह जान ही नहीं पायेगा कि वह इन्टरनेट पर क्या ढूँढना चाह रहा है.
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IP एड्रेस इन्टरनेट एक्सेस करने में बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए अगर आप एक स्मार्ट यूजर बनना चाहते हैं तो आपको IP एड्रेस के बारे में जरुर जानना चाहिए.
IP एड्रेस के बारे में कम्पलीट इनफार्मेशन लेने के लिए आप इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़ें, हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख को पढने के बाद आपको IP एड्रेस के बारे में खोजने के लिए किसी अन्य ब्लॉग पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं आज का यह लेख.
- आईपी एड्रेस का फुल फॉर्म (IP Address Full Form)
- आईपी एड्रेस क्या होता है (What is IP Address)?
- आईपी एड्रेस का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
- आईपी एड्रेस के उपयोग (Uses of IP Address)
- आईपी एड्रेस के संस्करण (IP Address Version)
- आईपी एड्रेस के प्रकार (Types of IP Address)
- आईपी एड्रेस कौन प्रदान करता है?
- अपना आईपी एड्रेस कैसे पता करें?
- FAQ: IP Address Kya Hota Hai
- निष्कर्ष,
आईपी एड्रेस का फुल फॉर्म (IP Address Full Form)
IP Address का फुल फॉर्म Internet Protocol Address होता है इसे हिंदी में इन्टरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस पढ़ा जाता है.
आईपी एड्रेस क्या होता है (What is IP Address)?
IP Address नेटवर्क या इन्टरनेट से जुड़े किसी भी डिवाइस का नंबर के रूप में एक एड्रेस होता है जिसके माध्यम से नेटवर्क से जुड़े डिवाइस की पहचान होती है तथा उनके बीच सफलतापूर्वक डेटा ट्रान्सफर होता है. IP एड्रेस एक डिजिटल एड्रेस का काम करता है. नेटवर्क से जुड़े डिवाइस IP एड्रेस के द्वारा ही आपस में कम्युनिकेशन कर पाते हैं.
हर एक डिवाइस का IP एड्रेस यूनिक होता है इसका मतलब है कि दो डिवाइस का IP एड्रेस एकसमान नहीं होता है. जब आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर को इन्टरनेट से कनेक्ट करते हैं तो आपके इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा आपके डिवाइस को एक IP एड्रेस प्रदान किया जाता है, इसी IP एड्रेस से आपके डिवाइस की इन्टरनेट में पहचान होती है.
नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक डिवाइस को एक विशिष्ट पहचान की आवश्यकता होती है ताकि अन्य डिवाइस यह जान सके कि उस तक कैसे पहुंचा जा सकता है, इन्टरनेट की दुनिया में इस पहचानकर्ता को ही IP एड्रेस कहते हैं.
आईपी एड्रेस का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
IP एड्रेस की मदद से इन्टरनेट से जुड़े किसी भी डिवाइस को एक पहचान प्रदान की जाती है जिससे कि डेटा सही डिवाइस तक पहुँच सके.
एक वास्तविक जीवन के उदाहरण से समझते हैं, जैसे आपका कोई दोस्त दिल्ली में रहता है और आपको उसे कुछ पैकेज भेजना है. पैकेज भेजने के लिए आपको अपने दोस्त के नाम के साथ उसका सही physical location यानि उसके एड्रेस की जरूरत पड़ती है तभी वह पैकेज आपके दोस्त को मिल पायेगा.
ठीक इसी प्रकार से जब कोई भी डिवाइस इन्टरनेट से कनेक्ट होते हैं तो उसे एक IP एड्रेस प्रदान किया जाता है जिससे कि डेटा का आदान प्रदान सही तरह से हो सके. जैसे आप किसी वेबसाइट से कोई विडियो डाउनलोड करते हैं या इन्टरनेट पर कोई वेबसाइट एक्सेस करते हैं तो वह विडियो या इनफार्मेशन आपके डिवाइस तक IP एड्रेस के द्वारा ही पहुँच पाती है.
इसलिए इन्टरनेट एक्सेस करने में IP एड्रेस बहुत महत्वपूर्ण होता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें जिस प्रकार हर एक व्यक्ति के घर का एड्रेस यूनिक होता है उसी प्रकार इन्टरनेट से जुड़े डिवाइस का IP एड्रेस भी यूनिक होता है.
आईपी एड्रेस के उपयोग (Uses of IP Address)
IP एड्रेस के कुछ प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं –
- नेटवर्क से जुड़े डिवाइस का आपस में कम्युनिकेशन के लिए IP एड्रेस महत्वपूर्ण होता है
- नेटवर्क या इन्टरनेट से जुड़े डिवाइस की पहचान के लिए.
- इन्टरनेट एक्सेस करने में IP एड्रेस का इस्तेमाल होता है.
- नेटवर्क से जुड़े डिवाइस के बीच डेटा ट्रान्सफर करने में.
- इन्टरनेट से किसी भी प्रकार की फाइल को डाउनलोड करने के लिए.
आईपी एड्रेस के संस्करण (IP Address Version)
IP Address के दो वर्शन होते हैं –
- IPv4
- IPv6
चलिए अब इन दोनों को एक – एक कर समझते हैं.
#1 – IPv4 (Internet Protocol Version 4)
यह IP एड्रेस का सबसे पहला वर्शन है जिसे कि 1983 में बनाया गया था. IPv4 32 Bits के Binary Number होते हैं जिसमें से 24 Bits नेटवर्क की पहचान करने के लिए तथा 8 Bits Nodes के लिए Reserved रहते हैं. IPv4 को दशमलव से 4 भागों में विभाजित किया जाता है और इसका प्रत्येक भाग 8 Bits का होता है.
IPv4 में प्रत्येक भाग का नंबर 0 से लेकर 255 तक की रेंज में होते हैं. यह सबसे पुराने और सबसे सामान्य प्रकार के IP एड्रेस हैं. IPv4 IP एड्रेस कुछ इस प्रकार से दिखाई देता है – 192.0.254.46
#2 – IPv6 (Internet Protocol Version 6)
IPv6 128 Bits के होते हैं जिन्हें कि Colon के द्वारा विभाजित किया जाता है. IPv6 में Number और Character दोनों का इस्तेमाल किया जाता है.
चूँकि IPv4 में केवल नंबर ही शामिल होते हैं, और बढ़ते इन्टरनेट उपयोग के कारण इस बात की संभावना अधिक थी कि दो डिवाइस के IP एड्रेस एक जैसे ही हो जाये, इसी समस्या से बचने के लिए IPv6 का निर्माण किया गया. IPv6 में hexadecimal नंबर का इस्तेमाल किया गया जिससे कि ट्रिलियन इन्टरनेट डिवाइस को एक यूनिक IP एड्रेस प्रदान किया जा सके.
IPv6 कुछ इस प्रकार से दिखाई देता है – 2001:f89e:cdfa:2451:5fd:0000:db84:4444.
आईपी एड्रेस के प्रकार (Types of IP Address)
IP Address मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं –
- प्राइवेट आईपी एड्रेस (Private IP Address)
- पब्लिक आईपी एड्रेस (Public IP Address)
- स्टेटिक आईपी एड्रेस (Static IP Address)
- डायनामिक आईपी एड्रेस (Dynamic IP Address)
#1 – प्राइवेट आईपी एड्रेस (Private IP Address)
प्राइवेट IP एड्रेस ऐसा IP एड्रेस होता है जिसका इस्तेमाल एक नेटवर्क के अन्दर कम्युनिकेशन करने के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल लोकल एरिया नेटवर्क में किया जाता है. प्राइवेट IP को Local Network provider जो कि आपका राऊटर होता है, के द्वारा assign किया जाता है .
प्राइवेट IP एड्रेस के द्वारा कनेक्टेड डिवाइस किसी बाहर के नेटवर्क से कम्युनिकेशन नहीं कर पाते हैं, बाहर के नेटवर्क से कम्युनिकेशन करने के लिए उनका एक पब्लिक IP एड्रेस होता है.
कुल मिलाकर कहें तो ऐसा IP एड्रेस जिसका इस्तेमाल केवल लोकल नेटवर्क या प्राइवेट नेटवर्क में किया जाता है उसे प्राइवेट IP एड्रेस कहते हैं.
#2 – पब्लिक आईपी एड्रेस (Public IP Address)
Public IP Address आपका मुख्य IP एड्रेस होता है जिसकी मदद से आप बाहर के नेटवर्क से कनेक्ट हो पाते हैं. इस IP एड्रेस को इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा हमारे राऊटर को assign किया जाता है. अगर आप अपने कंप्यूटर को इन्टरनेट से जोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए आपको Public IP एड्रेस की जरुरत होती है.
#3 – स्टेटिक आईपी एड्रेस (Static IP Address)
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है Static IP Address ऐसे IP एड्रेस होते हैं जिन्हें manually create किया जाता है. जब आप अपने कंप्यूटर की नेटवर्क सेटिंग से अपने IP एड्रेस को खुद Configure करते हैं तो यह IP एड्रेस Static IP Address कहलाता है. इस प्रकार का IP एड्रेस बदलता नहीं है. Static IP Address का इस्तेमाल बहुत कम ही किया जाता है.
#4 – डायनामिक आईपी एड्रेस (Dynamic IP Address)
Dynamic IP Address ऐसे IP एड्रेस होते हैं जो लगातार स्वतः ही बदलते रहते हैं. डायनामिक IP एड्रेस Lease System का उपयोग करता है जिसे कि एक निश्चित समय के लिए ही किसी नेटवर्क Assign किया जाता है. जब यह सवय अवधि समाप्त हो जाती है तो कंप्यूटर नयी Lease के लिए Request कर देता है.
Dynamic IP Address को DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol) नाम की सर्विस आपके डिवाइस तथा नेटवर्क को Assign करती है.
आईपी एड्रेस कौन प्रदान करता है?
IP एड्रेस को वैश्विक स्तर पर IANA (Internet Assigned Number Authority) के द्वारा प्रदान किया जाता है. IANA अमेरिका की एक non-profit corporation है.
IANA IP एड्रेस के blocks को RIR (Regional Internet Registries) को सौंपता है और फिर RIR अपने क्षेत्र के इन्टरनेट सेवा प्रदाता (IPS) को IP एड्रेस आंवटित करती है. इसके बाद आपके IPS आपको IP एड्रेस प्रदान करते हैं. पूरी दुनिया में 5 RIR है जिन्हें IANA के द्वारा IP एड्रेस आवंटित किया जाता है.
- ARIN (American Registry for Internet Numbers)
- APNIC (Asia – Pacific Network Information Centre)
- AFRINIC (African Network Information Centre)
- LACNIC (Latin American and Caribbean Internet Address Registry)
- RIPE NCC (Reseaux IP Européens Networks Coordination Centre)
अपना आईपी एड्रेस कैसे पता करें?
आर्टिकल को यहाँ तक पढने के बाद आप समझ गए होंगें कि IP Address Kya Hota Hai, चलिए अब जानते हैं आप कैसे अपने डिवाइस का IP एड्रेस चेक कर सकते हैं. यहाँ हम आपको IP एड्रेस चेक करने का एक आसान तरीका बता रहे हैं जिसकी मदद से आप कभी भी अपने किसी भी डिवाइस का IP एड्रेस चेक कर सकते हैं.
- सबसे पहले आपको अपने उस डिवाइस में ब्राउज़र को ओपन कर लेना है जिसका IP एड्रेस आप चेक करना चाहते हैं.
- इसके बाद ब्राउज़र में What is my IP लिखकर सर्च करें.
- बस इतना करते ही आपको अपने डिवाइस का IP एड्रेस दिख जायेगा.
इस प्रोसेस के द्वारा आप अपने किसी भी डिवाइस (कंप्यूटर, टेबलेट, स्मार्टफोन, टेबलेट, स्मार्टवाच आदि) का IP एड्रेस पता कर सकते हैं. इसके अलावा इन्टरनेट पर आपको ढेर सारी वेबसाइट मिल जायेगीं जहाँ से आप अपने किसी भी डिवाइस का IP एड्रेस चेक कर सकते हैं जैसे whatismyipaddress.
FAQ: IP Address Kya Hota Hai
Q – IP एड्रेस का मतलब क्या होता है?
IP एड्रेस इन्टरनेट से जुड़े किसी भी डिवाइस का एक एड्रेस होता है जिसके द्वारा इन्टरनेट पर उस डिवाइस की पहचान हो पाती है.
Q – IP एड्रेस के कितने वर्शन होते हैं?
वर्तमान समय में IP एड्रेस के दो वर्शन मौजूद हैं – IPv4 और IPv6.
Q – अपना IP एड्रेस कैसे पता करें?
आप अपने डिवाइस के ब्राउज़र पर सर्च करके उसका IP एड्रेस पता कर सकते हैं.
Q – अपने IP एड्रेस को कैसे छुपा सकते हैं?
आप VPN का इस्तेमाल करके अपने डिवाइस के IP एड्रेस को छुपा सकते हैं.
यह आर्टिकल भी पढ़ें –
- Server क्या होता है
- इन्टरनेट कूकीज क्या होती है
- प्रॉक्सी सर्वर क्या होता है
- बैंडविड्थ क्या होता है
- DNS क्या है
- वेब होस्टिंग क्या होती है
- डोमेन नाम क्या है
निष्कर्ष,
जितने भी डिवाइस जिसमें आप इन्टरनेट एक्सेस कर सकते हैं उन सभी का एक यूनिक IP एड्रेस होता है, इस IP एड्रेस के द्वारा ही इन्टरनेट से जुड़े डिवाइस एक दुसरे से कम्युनिकेशन कर पाते हैं. इन्टरनेट एक्सेस करने में IP एड्रेस बहुत महत्वपूर्ण होता है.
हमें पूरी उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढने के बाद आप अच्छी प्रकार से समझ गए होंगें कि IP Address Kya Hota Hai तथा IP एड्रेस से जुडी हर एक जानकारी भी आपको अच्छे से समझ आ गयी होगी. यदि अभी भी आपके मन में IP एड्रेस को लेकर कोई प्रश्न शेष हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं हम जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब देने की कोशिस करेंगें.
अगर इस लेख में दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी तो इस लेख को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.
लेख को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद||