Internet Cookies Kya Hai – इन्टरनेट कूकीज कैसे काम करती है

Internet Cookies Kya Hai – आज के समय में इन्टरनेट का उपयोग बहुत अधिक बढ़ गया है, हर व्यक्ति जिसके पास स्मार्टफोन है वह इन्टरनेट का इस्तेमाल जरुर करता है. लेकिन इन्टरनेट से जुड़े कई सारे टर्म ऐसे होते हैं जिनके बारे में हमको जानकारी नहीं होती है, लेकिन ये इन्टरनेट पर हमारी प्राइवेसी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, इन्हीं में से एक Cookies भी है.

आप इसे खाने वाली Cookies मत समझना, हम Internet Cookies की बात कर रहे हैं जो कि एक टेक्स्ट फाइल है और आपके ब्राउज़र में स्टोर होती है.

YouTube Channel
Telegram Group

इन्टरनेट में किसी वेबसाइट को ब्राउज करते समय आपको Cookies Accept करने के लिए कहा जाता है, लेकिन इनमें से कई सारी ऐसी वेबसाइटें भी होती हैं जो Cookies के माध्यम से आपका डेटा स्टोर करती है और फिर इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करती है. अगर आप अपने ब्राउज़िंग डेटा का गलत इस्तेमाल होने से बचाना चाहते हैं तो आपको Cookies के बारे में जानकारी होना आवश्यक है.

आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको बतायेंगें कि इन्टरनेट कूकीज क्या है? वेबसाइट कूकीज का इस्तेमाल क्यों करती है? कूकीज से आपको क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं तथा Cookies को डिलीट कैसे करें? हर एक इन्टरनेट यूजर के लिए यह लेख काफी महत्वपूर्ण होने वाला है.

इसलिए आप इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें, तो चलिए बिना समय गंवाए शुरू करते हैं आज का यह आर्टिकल.

इन्टरनेट कूकीज क्या है (What is Internet Cookies)

Internet Cookies एक टेक्स्ट फाइल होती है जिसमें डेटा के छोटे – छोटे piece होते हैं, इस डेटा का इस्तेमाल कंप्यूटर की पहचान के लिए किया जाता है. कूकीज को आपके ब्राउज़र पर ही स्टोर किया जाता है.

जब आप किसी वेबसाइट को विजिट करते हैं तो वह वेबसाइट आपको ट्रैक करना शुरू कर देती हैं जैसे कि आपने पिछली बार वेबसाइट को कब विजिट किया था, वेबसाइट के कौन – कौन से पेज ओपन किये, किस सेक्शन में कितना समय बिताया, वेबसाइट में Sign Up करते समय यूजरनाम और पासवर्ड आदि, और यह सभी जानकारी टेक्स्ट फाइल के रूप में आपके ब्राउज़र में स्टोर हो जाती है जिसे कि Cookies कहते हैं.

जब आप दूसरी बार वेबसाइट को विजिट करते हैं तो वह आपको उसी से सम्बंधित जानकारी दिखाता है जिसे कि आपने पिछली बार देखा था. Cookies को Web Cookies, Internet Cookies, Browser Cookies और HTTP Cookies के नाम से भी जाना जाता है.

वैसे Cookies आपके डिवाइस को कोई क्षति नहीं पहुँचातें हैं लेकिन इससे आपकी प्राइवेसी को ख़तरा जरुर होता है. क्योंकि कूकीज आपकी वेबसाइट पर की गयी सभी एक्टिविटी को ट्रैक करती है ऐसे में अगर आप वेबसाइट पर कोई Confidential जानकारी डालते हैं तो कई बार वेबसाइट आपके डेटा का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर सकती हैं.

इन्टरनेट कूकीज किसने बनाई?

इन्टरनेट कूकीज का आविष्कार Lou Montulli नाम के एक नेटवर्क इंजीनियर ने 1990 के दशक में किया. दरसल उस समय वेबसाइटें अपने यूजर, यूजर की एक्टिविटी आदि को याद रखने के लिए संघर्ष कर रही थी. इसी समस्या का समाधान करने के लिए Lou Montulli ने इन्टरनेट कूकीज का आविष्कार किया.

कूकीज काम कैसे करती है?

जैसा कि हमने ऊपर आपको बताया जब आप किसी वेबसाइट को ओपन करके Cookies को Accept करते हैं तो वह वेबसाइट आपकी एक्टिविटी को ट्रैक करने लगती है और डेटा के छोटे टुकड़ों को आपके ब्राउज़र में टेक्स्ट फाइल के रूप में स्टोर कर देती हैं.

अगली बार जब आप उस वेबसाइट को विजिट करेंगें तो वेबसाइट आपको उसी से सम्बंधित जानकारी दिखायेगा जिसे कि आपने पिछली बार देखा था. Cookies में स्टोर डेटा के कारण ही वेबसाइट को आपकी पिछली गतिविधियों के बारे में पता चल पाता है.

वेबसाइट कूकीज का इस्तेमाल क्यों करती हैं?

अक्सर आपने देखा होगा जब भी आप किसी वेबसाइट को ओपन करते हैं तो Accept Cookies का ऑप्शन आपके सामने आता है.

अगर आप Cookies  को Accept करते हैं तो वेबसाइट आपके डेटा को ट्रैक करना शुरू कर देती हैं. उन्हें पता चल जाता है कि आप वेबसाइट के किस पेज को विजिट कर रहे हैं, किस सेक्शन में कितना समय व्यतीत कर रहे हैं, किस प्रकार का कंटेंट देख रहे हैं आदि. इसके अलावा अगर वेबसाइट में Sign Up का ऑप्शन होता है तो यह Cookies आपकी ID पासवर्ड को भी स्टोर कर लेता है.

कुल मिलाकर देखें तो वेबसाइट आपकी की गयी एक्टिविटी को ट्रैक करने के लिए Cookies का इस्तेमाल करती है, जिससे वेबसाइट पर दुबारा जाना आपके लिए अधिक आसान हो जाता है और वेबसाइट आपके लिए अधिक उपयोगी हो जाती है.

उदाहरण के लिए माना आप Amazon की वेबसाइट विजिट करते हैं और वेबसाइट Cookies Accept करते हैं. इसके बाद आप वेबसाइट में 10 हजार की रेंज में स्मार्टफोन सर्च करते हैं और फिर वेबसाइट को बंद कर लेते हैं.

अब अगली बार जब आप दुबारा Amazon की वेबसाइट पर विजिट करेंगें तो आपको 10 हजार की रेंज वाले स्मार्टफोन या उनसे जुड़ा विज्ञापन दिखाई देगा. यह सब Cookies के कारण ही संभव हो पाता है.

कूकीज के प्रकार (Types of Cookies)

Internet Cookies मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं First-party cookies और Third-party cookies. चलिए इन दोनों को एक – एक कर समझते हैं.

#1. First-party cookies

जब आपके द्वारा उपयोग की जा रही वेबसाइट कूकीज बनाती है तो इसे First-party cookies कहते हैं.

उदाहरण के लिए आप किसी वेबसाइट x.com को विजिट कर रहे हैं तो x.com जो कूकीज बनायेगी वह First-party cookies होगी. यदि आप किसी भरोसेमंद वेबसाइट को ब्राउज कर रहे हैं तो इस कूकीज से आपको अधिक ख़तरा नहीं है.

#2. Third-party cookies

जब कूकीज उस वेबसाइट से भिन्न होती है जिसे आप वर्तमान में ब्राउज़ कर रहे हैं तो इस प्रकार की कूकीज को Third-party cookies कहते हैं.

उदाहरण के लिए आप x.com वेबसाइट को ब्राउज कर रहे हैं और अन्य वेबसाइट y.com के द्वारा आपके डिवाइस में कूकीज बनाई जा रही है तो यह थर्ड पार्टी कूकीज है.

आमतौर पर इस प्रकार की कूकीज को यूजर की एक्टिविटी ट्रैक करके उनके डेटा को विज्ञापन दिखाने वाली कंपनियों को बेचना होता है जिससे कि यूजर को relevant विज्ञापन दिखा सके.

आर्टिकल को यहाँ तक पढने पर आप समझ गए होंगें कि Internet Cookies Kya Hai, चलिए अब कूकीज के फायदे और नुकसानों के बारे में भी जान लेते हैं.

कूकीज के फायदे (Advantage of Cookies)

Cookies के अनेक सारे फायदे आपको मिलते हैं जैसे कि –

  • दुबारा वेबसाइट विजिट करने पर आपको वह विज्ञापन दिखेंगें जो आपसे सम्बंधित हैं.
  • वेबसाइट में अगली बार Login में लगने वाला समय बचेगा.
  • Cookies से दुबारा वेबसाइट विजिट करने पर यह जल्दी ओपन हो जाती है.
  • कूकीज से आपके इन्टरनेट बैलेंस की भी बचत होती है.
  • कूकीज समय के साथ खुद हट जाती है या फिर आप इसे डिलीट कर सकते हैं.

कूकीज के नुकसान (Disadvantage of Cookies)

Cookies के फायदों के साथ नुकसान भी होते हैं जैसे कि –

  • अगर आपका डेटा किसी गलत हाथों में चला जाये तो आपके लिए ख़तरा हो सकता है.
  • यदि कोई आपकी PC को हैक कर लेता है तो वह  कूकीज की सहायता से आपकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री और संवेदनशील डेटा तक पहुँच सकता है.
  • यूजर अपने ब्राउज़र की सेटिंग से कूकीज को ब्लॉक कर सकता है.

Cookies Clear कैसे करें?

अलग – अलग ब्राउज़र में Cookies को Clear करने का तरीका भी अलग होता है. यहाँ नीचे हमने आपको सबसे लोकप्रिय ब्राउज़र क्रोम की Cookies को Clear करने की पूरी प्रोसेस स्टेप वाइज बताई है –

  • सबसे पहले आप क्रोम ब्राउज़र को ओपन करें.
  • ब्राउज़र में सबसे ऊपर आपको 3 डॉट वाले आइकॉन पर क्लिक करना है.
  • अब More Tool पर क्लिक करें और फिर Clear Browsing Data पर क्लिक करें.
Clear Browser Cache
  • यहाँ पर Cookies and Other Data को सेलेक्ट करें और फिर Clear Data पर क्लिक करें.
Clear Chrome Browser
  • बस इतना करते ही आपके ब्राउज़र में स्टोर सभी कूकीज डिलीट हो जायेंगी.

अनचाही कूकीज को ब्लॉक कैसे करें?

अगर आप इन्टरनेट पर कम भरोसा करते हैं और अपनी प्राइवेसी को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं तो आप सभी Cookies को ब्लॉक कर सकते हैं. Cookies को ब्लॉक करने से आपका इन्टरनेट ब्राउज़र सभी वेबसाइटों को कूकीज रखने से रोकेगा. आप ब्राउज़र की सेटिंग में जाकर किसी भी कूकीज को ब्लॉग कर सकते हैं.

क्रोम ब्राउज़र में Cookies को ब्लॉक करने के लिए निम्नलिखित प्रोसेस को फॉलो करें –

  • सबसे पहले क्रोम ब्राउज़र को ओपन करें.
  • सबसे ऊपर राइट साइड में बने 3 डॉट पर क्लिक करें.
  • Setting के विकल्प पर क्लिक करें.
  • Privacy and Security पर क्लिक करें.
  • Cookies and Other Site Data पर क्लिक करें.
  • Block Third Party कूकीज को सेलेक्ट करें.
Block This Cookies
  • बस इतना करते ही आपका ब्राउज़र वेबसाइटों को थर्ड पार्टी कूकीज स्टोर करने से रोकेगा.

FAQ: Internet Cookies Kya Hai

Q – वेबसाइट कूकीज क्या है?

वेबसाइट कूकीज एक टेक्स्ट फाइल होती है जो यूजर के वेबसाइट ब्राउज़िंग डेटा को छोटे – छोटे टुकड़ों के रूप में स्टोर करती है.

Q – क्या कूकीज से कोई ख़तरा हो सकता है?

अगर आप किसी भरोसेमंद वेबसाइट की कूकीज accept करते हैं तो इससे आपको ज्यादा ख़तरा नहीं होता है लेकिन यदि आप किसी वेबसाइट से Third Party Cookies को accept करते हैं तो इससे आपकी प्राइवेसी को ख़तरा हो सकता है.

Q – इंटरनेट कुकीज कब बनाई जाती है?

जब आप इन्टरनेट पर किसी वेबसाइट को विजिट करते हैं और वह वेबसाइट आपके कूकीज Accept करने के लिए कहती है. जैसे ही आप कूकीज को एक्सेप्ट करते हैं वह वेबसाइट आपकी एक्टिविटी को ट्रैक करना स्टार्ट कर देती है.

Q – इन्टरनेट कूकीज किसने बनाई?

इन्टरनेट कूकीज को Lou Montulli नाम के एक नेटवर्क इंजीनियर ने 90 के दशक में बनाया.

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अंतिम शब्द,

इस आर्टिकल में हमने आपको Internet Cookies Kya Hai के बारे में कम्पलीट जानकारी आपको दी है. साथ ही हमने कूकीज के फायदे और इसके नुकसानों के बारे में भी आपको बताया है. हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख को पढने के बाद आप कूकीज को अच्छे से समझ गए होंगें.

आशा करते है यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी रहा होगा, आप इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और उन्हें भी इन्टरनेट कूकीज के बारे में बताये.

लेख को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद||

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