CMS Kya Hai यह कैसे काम करता है What is CMS in Hindi?

CMS Kya Hai– अगर आप वेब डिजाइनिंग करते हो या आपको कंप्यूटर में रूचि है तो आपने कभी न कभी CMS का नाम जरूर सुना होगा. एक वेबसाइट को बनाने के लिए CMS बहुत महत्वपूर्ण है.

CMS को समझना आपके लिए बहुत आसान है, अगर आपको कंप्यूटर की थोड़ी बहुत नॉलेज है तो. अगर आपको कंप्यूटर की नॉलेज नहीं हैं और आप टेक्निकल फील्ड से नहीं हो तो शायद ही आपको CMS के विषय में नॉलेज होगी. लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है.

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क्योंकि इस लेख के माध्यम से मैं आपको आसान भाषा में समझाऊंगा की आखिर CMS क्या है, CMS का फुल फॉर्म क्या है, CMS काम कैसे करता है, CMS के उदाहरण क्या हैं तथा CMS इस्तेमाल करने के फायदे व नुकसान क्या हैं.

अगर आप जानना चाहते है कि CMS Kya Hai तो इसके लिए आपको लेख को पूरा अंत तक पढना होगा. तो चलिए बिना समय गंवायें शुरू करते हैं आज के इस लेख को.

CMS क्या है (What is CMS in Hindi)

CMS जिसका पूरा नाम Content Management System होता है, यह एक प्रकार का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या टूल का एक सेट होता है. CMS के द्वारा एक आम यूजर जिसे कि कोडिंग की नॉलेज नहीं है वह भी अपनी वेबसाइट को बना सकता है और अपने कंटेंट को मैनेज कर सकता है. आसान शब्दों में कहें तो,

एक ऐसी प्रणाली जिसके माध्यम से यूजर अपने डिजिटल कंटेंट को मैनेज कर सकता है उसे CMS कहते हैं

CMS के माध्यम से आप अपनी वेबसाइट के कंटेंट, जैसे आर्टिकल, इमेज, विडियो, ऑडियो आदि को मैनेज कर सकते है और अपनी वेबसाइट को आवश्यकता अनुसार एडजस्ट कर सकते हैं. जिस व्यक्ति को कोडिंग की नॉलेज नहीं है वह भी आसानी से CMS के माध्यम से अपनी वेबसाइट बना सकता है. 

CMS का पूरा नाम क्या है (CMS Full form in Hindi)

CMS का फुल फॉर्म Content Management System होता है. जिसे कि हिंदी में सामग्री प्रबंधन प्रणाली कहते हैं.

CMS की जरुरत क्यों पड़ी?

CMS की आवश्यकता को समझने के लिए हमें सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि पहले वेबसाइट कैसे बनाई जाती थी. जब इंटरनेट नया –  नया अस्तित्व में आया था तो एक वेबसाइट को बनाने के लिए काफी दिन लग जाते थे.

एक वेबसाइट को बनाने के लिए बहुत ज्यादा कोडिंग करनी पड़ती थी और कोडिंग करने के लिए कंप्यूटर की कई भाषा (जैसे HTML , JAVA, CSS, C++,PHP आदि) का ज्ञान होना जरूरी था. इस कोडिंग को करने के लिए 5 – 10 दिन का समय लग जाता था. कोडिंग के द्वारा वेबसाइट बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

इसी समस्या को दूर करने के लिए CMS का निर्माण हुवा. जो वेबसाइट पहले बनने में 5 – 10 दिन का समय लेती थी CMS की सहायता से वह वेबसाइट मात्र दस मिनट में बनाई जा सकती है.

पहले वेबसाइट बनाने में वेबसाइट के सभी फीचर की कोडिंग करनी पड़ती थी. लेकिन CMS के अस्तित्व में आने के बाद यूजर को बेसिक वेबसाइट का प्रारूप पहले से मिल जाता है. यूजर उस वेबसाइट प्रारूप को अपनी सुविधा के अनुसार व्यवस्थित कर सकता है.

यूजर को CMS के अंदर बहुत सी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. यूजर इसमें थीम इनस्टॉल कर सकते हैं, प्लगइन इनस्टॉल कर सकते हैं, नए फीचर जोड़ सकते हैं और वेबसाइट को एक आकर्षक रूप दे सकते हैं.

CMS काम कैसे करता है?

CMS यूजर को एक (GUI) Graphical User Interface प्रदान करता है, जिसके द्वारा यूजर बड़ी आसानी से वेबसाइट को मैनेज कर सकता है.

CMS में वेबसाइट का एक बेसिक प्रारूप पहले से तैयार रहता है जिसमें अनेक सारे फंक्शन होते हैं. यूजर इन फंक्शन को एक क्लिक के द्वारा Activate या Deactivate कर सकता है और अपने कंटेंट को मैनेज कर सकता है. CMS जटिल कोडिंग को छुपा लेता है और यूजर को एक यूजर फ्रेंडली इंटरफ़ेस देता है.

एक उदाहरण के द्वारा इसे समझते हैं, माना आपको बिना CMS के एक कंटेंट लिखकर वेबसाइट में पब्लिश करना है तो इसके लिए आपको काफी सारी कोडिंग करनी होगी और फिर कंटेंट को वेबसाइट के सर्वर पर अपलोड करना होगा. इस काम में आपको काफी समय लग जाएगा.

वहीँ दूसरी ओर CMS का इस्तेमाल करने से आपके पास एक यूजर फ्रेंडली इंटरफ़ेस होगा और जिस प्रकार आप MS Word में टाइपिंग करते हैं उसी प्रकार से इसमें टाइपिंग करके कंटेंट लिख सकते हैं, और एक क्लिक के द्वारा कंटेंट को वेबसाइट पर पब्लिश कर सकते हैं. वह कंटेंट Real Time में आपकी वेबसाइट पर Live हो जाता है.

CMS के कार्य करने के तरीके को अच्छे से समझने के लिए आपको इसके कॉम्पोनेन्ट के विषय में भी जानकारी होनी आवश्यक है.

CMS के कॉम्पोनेन्ट (Component of CMS in Hindi)

CMS के मुख्य रूप से दो भाग होते हैं जिसके द्वारा यह पूरा सिस्टम काम करता है. एक CMA और दूसरा CDA.

CMA (Content Manage Application) – यह CMS का Editing कॉम्पोनेन्ट है जो कि Front – end पर काम करता है. CMA यूजर को एक यूजर फ्रेंडली इंटरफ़ेस प्रदान करता है जिसके द्वारा यूजर वेबसाइट से Interact कर पाता है.

CMA के द्वारा यूजर मात्र एक क्लिक से वेबसाइट में किसी भी फंक्शन को एक्टिवेट या डीएक्टिवेट कर सकता है, और अपने अनुसार वेबसाइट के कंटेंट को क्रिएट, एडिट व डिलीट कर सकता है.

CDA (Content Delivery Application) – यह CMS का एक Publishing कॉम्पोनेन्ट है जो कि Back – end पर काम करता है. जब यूजर वेबसाइट में कंटेंट क्रिएट, अपडेट या डिलीट करता है तो CDA वेबसाइट पर यूजर के द्वारा किये गए Activity को पब्लिश करता है.

CMS के उदाहरण (Example of CMS in Hindi)

  • WordPress, दुनिया का सबसे बड़ा CMS है. दुनिया की लगभग 30 % वेबसाइट WordPress पर ही बनी हैं.
  • Blogger भी वेब डिजाईन का एक प्रसिद्ध प्लेटफ़ॉर्म है जो कि गूगल का एक प्रोडक्ट है.
  • Magento पर भी वेबसाइट बना सकते हैं. Flipkart, Amazon जैसी e-commerce वेबसाइट Magento पर बनाई जाती हैं.
  • Opencart पर भी e-commerce वेबसाइट बनाई जाती हैं.
  • Joomla, Durpal, Wix आदि भी CMS  का ही उदाहरण हैं.

आज के समय में मार्केट में बहुत अधिक प्रकार के CMS आ गए हैं , जिनके माध्यम से हम आसानी से एक वेबसाइट बना सकते हैं.

CMS के फायदे (Advantage of CMS in Hindi)

अभी तक आप समझ गए होंगे कि CMS Kya Hai, अब CMS के कुछ फायदों के बारे में भी जान लेते हैं. CMS के इस्तेमाल करने से यूजर को अनेक सारे फायदे होते हैं. जैसे कि –

  • पहले वेबसाइट को बनाने में काफी दिनों का समय लग जाता था लेकिन CMS के आने के बाद वेबसाइट को दस मिनट में बनाया जा सकता है. इससे समय की बचत हुई.
  • पहले वेबसाइट बनाने के लिए वेब डेवलपर की जरुरत पड़ती थी जो वेबसाइट बनाने के काफी पैसे लेते थे लेकिन CMS  के आने के बाद कोई भी व्यक्ति वेबसाइट बना सकता है, तो इससे पैसों की भी बचत हुई.
  • वेबसाइट के कंटेंट और डेटाबेस को हैकर से सुरक्षित रखने के लिए CMS में बेहतरीन सुरक्षा सुविधाएं हैं.
  • CMS SEO फ्रेंडली इंटरफ़ेस प्रदान करते हैं.
  • इससे कंप्यूटर भाषा के ज्ञान के बिना भी वेबसाइट बनाई जा सकती है.
  • लगभग सभी CMS Open Source होते हैं, इनका इस्तेमाल करने के आपसे किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं लिया जाता है.
  • कोई ऐसा व्यक्ति जो टेक्निकल फील्ड से नहीं है वो भी CMS की मदद से वेबसाइट बना सकता है.

CMS के नुकसान (Disadvantage of CMS in Hindi)

एक ओर CMS के जहाँ अनेक सारे फायदे हैं वहीँ दूसरी ओर इसके कुछ नुक्सान भी हैं. चलिए CMS के नुकसानों के बारे में भी एक नजर डाल लेते हैं.

  • यूजर को अपने अनेक सारे कार्यों के लिए प्लगइन और विजेट पर निर्भर रहना पड़ता है.
  • कई सारे प्लगइन बहुत महंगे होते हैं जिनकी कीमत सैकड़ों डॉलर में होती है.
  • अगर आप अपनी वेबसाइट को आकर्षक बनाने के लिए अधिक प्लगइन का इस्तेमाल करते हैं तो आपके वेबसाइट की स्पीड धीमी हो जाती है.

FAQ: CMS Kya Hai

Q – सीएमएस से आप क्या समझते हैं?

CMS एक ऐसा सिस्टम है जिसके द्वारा कोई भी यूजर बिना कोडिंग नॉलेज के वेबसाइट बना सकता है और अपने कंटेंट को मैनेज कर सकता है.

Q – CMS का पूरा नाम क्या है?

CMS का पूरा नाम Content Management System है, जिसे कि हिंदी में सामग्री प्रबंधन प्रणाली कहते हैं.

Q – सीएमएस का उदाहरण क्या है?

CMS का उदाहरण WordPress, Joomla, Drupal, Wix आदि है.

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आपने क्या सीखा: What is CMS in Hindi

इस लेख को पढने के बाद आप समझ गए होंगे कि CMS Kya Hai, यह कैसे काम करता है और इसकी जरुरत क्यों पड़ी. CMS के आने से वेबसाइट बनाना या कहें तो अपने कंटेंट को मैनेज करना बहुत ही आसान हो गया है. अगर आप भी अपनी वेबसाइट बनाना चाहते हैं तो Blogger या WordPress जैसे CMS का इस्तेमाल कर सकते हैं.

उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरे द्वारा लिखा गया यह लेख पसंद आया होगा, इस लेख को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें. और अगर आपके इस लेख या ब्लॉगिंग से सम्बंधित किसी प्रकार के प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं.

लेख को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद||

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