दोस्तों अगर आप अपनी वेबसाइट को गूगल सर्च इंजन के पहले पेज के टॉप पोजीशन में रैंक करवाना चाहते हैं तो आपको SEO की समझ होनी चाहिए. जो भी वेबसाइट गूगल में रैंक करती हैं उनके SEO करके ही टॉप में लाया जाता है. आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको आसान भाषा में समझाऊंगा कि SEO क्या होता है (What is SEO in Hindi).
आज के समय में गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है. इसलिए लगभग सभी वेबसाइट के Owner गूगल को ध्यान में रखकर अपनी वेबसाइट का SEO करते हैं. वेबसाइट की रैंकिंग के लिए SEO एक महत्वपूर्ण Factor है, इसलिए हर एक ब्लॉगर और वेब मास्टर के लिए SEO के बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी हो जाता है.
YouTube Channel |
Telegram Group |
इस लेख में हम आपको SEO क्या होता है, SEO के प्रकार, और SEO करने के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगें जिससे आपको SEO के बारे में सटीक और पूर्ण जानकारी मिलें. तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं आज का यह लेख.
SEO क्या है (What is SEO in Hindi)
“किसी भी सर्च इंजन में हम अपने कंटेंट या वेबसाइट की रैंकिंग सुधारने के लिए जो भी सारी तमाम प्रक्रिया करते हैं उसे ही SEO (Search Engine Optimization) कहते हैं.
चूँकि गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है. लोग अपने Query लेकर सबसे ज्यादा गूगल के पास जाते हैं, इसलिए सभी अपनी वेबसाइट को गूगल के सर्च रिजल्ट पेज में टॉप पर लाना चाहते हैं. गूगल के 200+ फैक्टर हैं जो किसी भी वेबसाइट की रैंकिंग को प्रभावित करते हैं.
गूगल का जो सर्च इंजन है उसका बेस अल्गोरिथमिक है. गूगल अपने अल्गोरिथम में बदलाव करते रहता है. क्योंकि जब भी गूगल को पता चलता है कि कोई उसके अल्गोरिथम समझ गया है, तो गूगल चाहता है कि उसके अल्गोरिथम में कोई हेरफेर न हो इसलिए वह समय समय पर अपने अल्गोरिथम में बदलाव कर देता है.
इसलिए SEO की ट्रिक्स भी समय – समय पर बदलते रहती है. SEO को लगातार Improve करने के पीछे गूगल का मुख्य उद्देश्य होता है कि वह यूजर के अनुभव को बेहतर कर सकें.
गूगल किसी भी वेबसाइट को अपने अल्गोरिथम के बेस पर सर्च इंजन के रिजल्ट में रैंक करवाता है. जिस वेबसाइट का कंटेंट Quality और Knowledge वाला होगा उस वेबसाइट को गूगल पहले पेज कर दिखाता है और इसी प्रकार यह क्रम चलते रहता है. अपने अल्गोरिथम की कुछ चीजें गूगल ने बताई है और कुछ चीजे नहीं बताई है.
SEO Full Form in Hindi
SEO का पूरा नाम Search Engine Optimization है. जिसे कि हिंदी में सर्च इंजन अनुकूलन कहा जाता है.
SEO की शुरुवात (SEO History in Hindi)
SEO Kya Hai जान लेने बाद हमें यह जानना जरुरी है कि SEO की शुरुवात कब हुई थी. इंटरनेट पर पहली वेबसाइट 1991 में बनी, और इसी साल SEO अस्तित्व में आया. जब इंटरनेट पर पहली वेबसाइट बनी तो उसके 1 -2 साल बाद बहुत सारी वेबसाइट बन गई और इंटरनेट पर बहुत सारा अलग अलग फील्ड का कंटेंट हो गया था.
अलग – अलग फील्ड का कंटेंट होने के कारण किसी भी यूजर को अपने द्वारा सर्च किये गए Query तक पहुंच पाना मुश्किल हो रहा था. यह पहचानना मुश्किल था कि कौन सा कंटेंट किस फील्ड के बारे में लिखा गया है. तो इसी समस्या के समाधान के लिए जरुरत पड़ी Search Engine Optimization की, और 1997 में SEO की Proper शुरुवात हुई.
SEO के आने के बाद यह पहचानना बहुत आसान हो गया था कि कौन सा कंटेंट किस फील्ड के बारे में लिखा गया है. और यूजर को अपने द्वारा सर्च किये गए Query या जानकारी तक पहुंचना आसान हो गया था. आज के समय में SEO बहुत Advance है, यूजर के द्वारा Search किये गए Query के अनुसार हजारों रिजल्ट को Search Engine सेकंड से पहले अपने रिजल्ट पेज पर दिखा देते है.
SEO के प्रकार (Types of SEO in Hindi)
अभी तक आप समझ गए होंगे कि What is SEO in Hindi अब जानते हैं SEO कितने प्रकार का होता है. SEO मुख्यतः तीन प्रकार का होता है –
1 – On Page SEO
On Page SEO वेबसाइट के कंटेंट पर आधारित होता है, यह एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें वेबसाइट ओनर अपनी वेबसाइट को रैंक करवाने के लिए वेबसाइट के कंटेंट के ऊपर काम करते हैं, यह 99 % वेबसाइट ओनर के हाथ में होता है. आप जितनी अच्छी तरह से अपने कंटेंट का On Page SEO करेंगे उतनी जल्दी आपकी वेबसाइट की गूगल में रैंक करने की संभावना बढ़ जाती है.
On Page SEO के अन्दर निम्नलिखित बातें आती है, विस्तार से पढने के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं.
- Keyword Research,
- Keyword Placement,
- Meta Description and Title,
- Heading Tag,
- Meta tag,
- Image SEO,
- SEO Friendly URL
- SEO Friendly Article आदि.
2 – Off Page SEO
Off page SEO वेबसाइट के कंटेंट पर आधारित नहीं होता है, यह एक ऐसी प्रोसेस होती है जिसे वेबसाइट के बाहर से किया जाता है. Off Page SEO के द्वारा आप अपने वेबसाइट को किसी अन्य वेबसाइट या सोशल मीडिया के माध्यम से प्रमोट करते हैं, जिससे कि वेबसाइट में ट्रैफिक आये और गूगल के नज़रों में वेबसाइट की अथॉरिटी बढ़ें.
ब्लॉग की रैंकिंग के लिए जितना जरुरी On Page है उतना ही जरुरी Off Page भी होता है. Off Page SEO की प्रोसेस को कंटेंट पब्लिश करने के बाद करते हैं इसके अंदर निम्न बातें आती है –
- Backlink,
- कंटेंट को सोशल मीडिया पर शेयर करना,
- विभिन्न प्लेटफॉर्म पर ब्लॉग को प्रमोट करना
3 – Technical SEO
Technical SEO वह SEO होता है जिसके माध्यम से हम अपने वेबसाइट को Technically Improve करते हैं. Technical SEO के अन्दर निम्न बाते आती है –
SEO करने के तरीके (Technique of SEO in Hindi)
अगर बात करें SEO करने के तरीकों के बारे में तो SEO को करने की निम्न 3 विधियाँ हैं. जिनके बारे में हमने नीचे विस्तार से बताया है –
1 – White Hat SEO
White Hat SEO तकनीकी को गूगल अनुमति देता है. इस विधि में आपकी वेबसाइट को गूगल अपने अल्गोरिथम के बेस पर रैंक कराता है. अगर आप White Hat SEO तकनीकी के द्वारा अपनी वेबसाइट को रैंक करते हैं तो आपको गूगल की ओर से कभी कोई समस्या नहीं आएगी. इसलिए हमेशा White Hat SEO तकनीकी का ही प्रयोग करना चाहिए.
White Hat SEO एक धीमी प्रोसेस है, इसमें वेबसाइट को रैंक करने में कुछ समय लग जाता है. लेकिन जब वेबसाइट रैंक होने लगती है, तो इसका बहुत फायदा मिलता है. White Hat SEO तकनीकी के अंदर निम्न बातें आती है –
- वेबसाइट का कंटेंट या आर्टिकल यूनिक होना चाहिए. आपको कही से भी किसी के आर्टिकल को कॉपी – पेस्ट करके अपने वेबसाइट में नहीं डालना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं आपकी वेबसाइट की रैंकिंग हमेशा डाउन रहती है. क्योंकि गूगल के नजर में आप चोर हैं, आप किसी और की मेहनत चुरा के अपने वेबसाइट में डाल रहे हैं.
- आप अपने कंटेंट में जो Internal Link और External Link देते हैं ,उनको मैचिंग कंटेंट में री – डायरेक्ट होना चाहिए.
- वेबसाइट की इमेज कॉपीराइट फ्री होने चाहिए.
- वेबसाइट का कंटेंट यूजर फ्रेंडली और SEO फ्रेंडली होना चाहिए.
2 – Black Hat SEO
SEO की इस तकनीकी को गूगल बिल्कुल भी अनुमति नहीं देता है. Black Hat SEO की तकनीकी गूगल के गाइडलाइन के खिलाफ है. Black Hat SEO वह SEO होता है जिसमे White Hat SEO को अधिक ऑप्टिमाइज़ कर दिया जाता है.
हालाँकि यह प्रोसेस बहुत फ़ास्ट है, इस तकनीकी का प्रयोग करके आप बहुत कम समय में अपनी वेबसाइट को सर्च इंजन में रैंक करवा सकते हैं. लेकिन अगर गूगल को पता चलेगा कि आपने Black Hat SEO तकनीकी का प्रयोग किया है तो गूगल आपकी वेबसाइट को ब्लॉक कर देगा और आपकी पूरी मेहनत बेकार चली जाएगी.
गूगल समय – समय पर नए – नए अल्गोरिथम और अपडेट लाते रहता है जो कि Black Hat SEO को पूरी तरह से ख़त्म कर देते हैं. गूगल बहुत स्मार्ट और एडवांस है , इसलिए इस तकनीकी का प्रयोग कभी भी नहीं करना चाहिए. Black Hat SEO तकनीकी के अंदर निम्न बातें आती है –
- Clocking
Clocking एक ऐसी तकनिकी है जिसमें यूजर और सर्च इंजन रोबोट्स को किसी Query पर अलग – अलग इनफार्मेशन दी जाती है. इस तकनीकि का प्रयोग करके वेबसाइट गूगल सर्च में अलग – अलग कीवर्ड पर रैंक कर जाती है.
एक उदहारण के द्वारा इसे समझते हैं, माना आपकी कंटेंट टेक्नोलॉजी से सम्बंधित है और आपने कंटेंट में हेल्थ से सम्बंधित कीवर्ड का प्रयोग किया है. जब गूगल बोट्स आपकी वेबसाइट को क्रॉल करेंगे तो वे इस पेज को 2 पेज समझ कर क्रॉल कर लेगा.
तो अब आपका कंटेंट हेल्थ से संबधित कीवर्ड पर भी रैंक करेगा. लेकिन आपका कंटेंट तो टेक्नोलॉजी पर आधारित है इसलिए यूजर का गूगल के प्रति अनुभव खराब होगा, जिससे वो गूगल पर आना पसंद नहीं करेगा. गूगल यह बिलकुल भी नहीं चाहता है इसलिए वह आपकी साइट को ब्लॉक कर देगा.
Keyword Stuffing
इस तकनीकी में Blogger आर्टिकल में बहुत बार अपने कीवर्ड का प्रयोग करते हैं, जिससे भी यूजर का अनुभव खराब होता है. आर्टिकल लिखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मुख्य कीवर्ड पुरे आर्टिकल में 0.5 या 1 प्रतिशत बार ही प्रयोग हुआ हो. माना आप 1000 शब्दों का आर्टिकल लिखते है तो आपको प्राइमरी कीवर्ड अधिकतम 5 – 10 बार ही आर्टिकल में प्रयोग करना चाहिए.
- Copy Content
अगर आप आर्टिकल को दुसरे किसी वेबसाइट से कॉपी / पेस्ट करके लिखते हैं तो यह भी गूगल के गाइड लाइन के खिलाफ है. अधिकतर नए ब्लॉगर इस प्रकार की गलती को करते हैं, जिससे भविष्य में उनकी वेबसाइट ब्लॉक हो जाती है.
- Spin Article
बहुत सारे Blogger खुद का कंटेंट नहीं बनाते हैं वे दूसरी वेबसाइट का कंटेंट चुराकर उसे article spin tool के द्वारा rewrite करते हैं और अपने वेबसाइट पर डाल देते हैं. यह भी Black Hat SEO तकनीकी के अंदर आता है. Spin आर्टिकल कभी भी गूगल में रैंक नहीं करते हैं.
- Hidden Text
जैसा कि नाम से स्पष्ट है इस तकनीकी में ब्लॉगर अपने किसी शब्द को Hide कर देते हैं, मतलब छुपा देते हैं. इसमे ब्लॉगर अपने आर्टिकल में शब्द का कलर और बैकग्राउंड का कलर एक जैसा रखते हैं जिससे कि Text हाईड हो जाता है. Keyword Stuffing की समस्या से बचने के लिए इस तकनीकी को प्रयोग किया जाता है. लेकिन अब यह Technique काम नहीं करती है.
- Hidden Link
जब Blogger Hidden Text में कोई लिंक दे हैं तो इसे hidden link कहा जाता है. यह भी Black Hat SEO तकनीकी के अंदर आता है, यह भी अब काम नहीं करती है.
- Mirror Site
किसी Top Ranked वेबसाइट के Clone Website को Mirror Site कहते हैं. यह तकनीकी भी गूगल के गाइडलाइन के विरुद्ध है.
3 – Gray Hat SEO
Gray Hat SEO वह होता है, जिसमे ब्लॉगर 95 % white hat SEO का हैं और 5% black hat SEO का प्रयोग करते हैं. Gray Hat SEO को भी गूगल अनुमति नहीं देता है. इसलिए आपको इस तकनीकि का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए. अधिकतर SEO एक्सपर्ट इस तकनीकी का प्रयोग करते हैं.
लोकल SEO क्या है
लोकल SEO वह होता है जिसमे हम अपने आर्टिकल को किसी एक क्षेत्र या एरिया को टारगेट करते हुए लिखते हैं. लोकल SEO में कीवर्ड कुछ इस प्रकार होते हैं ‘ SEO Course in Delhi ‘ , ‘ Best Digital Marketing Course in Delhi , Jobs in Delhi ‘ .
इन कीवर्ड में हम एक विशेष क्षेत्र को टारगेट कर रहे हैं. लोकल SEO में हमारे पास ऑडियंस भी कम होती है.लोकल SEO का प्रयोग अधिकतर वे लोग करते हैं , जो अपने एरिया में जॉब देते हैं या अपने कोई क्लास चलाते हैं, कोई सर्विस देते हैं, प्रोडक्ट बेचते हैं, या किसी एक एरिया की खबरें लिखते हैं.
SEO कैसे करते हैं (How to do SEO in Hindi)
एक ब्लॉग के लिए SEO करने की पूरी प्रोसेस को हमने नीचे पॉइंट में बताया है.
- आर्टिकल लिखने से पहले कीवर्ड रिसर्च करें.
- आर्टिकल में कीवर्ड की प्लेसमेंट करें.
- ब्लॉग पोस्ट के टाइटल और डिस्क्रिप्शन को अच्छा लिखें.
- ब्लॉग में SEO फ्रेंडली इमेज का इस्तेमाल करें.
- पोस्ट के URL को SEO फ्रेंडली बनाएं.
- वेबसाइट को गूगल सर्च कंसोल में सबमिट करें.
- मेटा टैग का इस्तेमाल करें.
- एक अच्छी वेब होस्टिंग और Top Level डोमेन नाम खरीदें.
- वेबसाइट का डिजाईन सिंपल रखें.
- वेबसाइट की स्पीड को बढ़ाएं.
- SSL सर्टिफिकेट लगायें.
- ब्लॉग का Sitemap बनाएं.
- Robots.txt फाइल बनायें
- वेबसाइट में आ रही सभी टेक्निकल एरर को ठीक करें.
- ब्लॉग के लिए बैकलिंक बनायें
- ब्लॉग को सोशल मीडिया पर शेयर करें
- ब्लॉग में Newsletter या Push Notification लगाएं.
- निरंतर रूप से काम करते हैं.
FAQ Section: What is SEO in Hindi
Q – SEO क्या है?
सर्च इंजन रिजल्ट पेज में वेबसाइट की रैंकिंग सुधारने के लिए जो भी प्रयास किये जाते हैं उसे ही SEO यानि Search Engine Optimization कहा जाता है.
Q – ब्लॉग का ट्रैफिक कैसे बढ़ाएं?
आप ब्लॉग का SEO करके अपने ब्लॉग को सर्च इंजन के पहले पेज में रैंक करवा सकते हैं, और ब्लॉग पर ऑर्गनिक ट्रैफिक प्राप्त कर सकते हैं.
आपने क्या सीखा
SEO हमारे वेबसाइट की रैंकिंग को बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और हमें हमेशा white hat SEO ही करना चाहिए तभी हम SEO में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और लंबे समय के लिए ऑर्गनिक ट्रैफिक प्राप्त कर सकते हैं.
तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ अब आप समझ गए होंगे कि SEO क्या है, What is SEO in Hindi और यह हमारी वेबसाइट के लिए कितना जरुरी है. अगर आपको लेख पसंद आया तो इस लेख को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.
लेख को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद||
Well, SEO tips…Thank you for the article. There is no need to search again.
आभार आपका
please share more details about keyword canalization, orphan URLs, Hreflang, Daynamic meta tags and keywords, Title Tags, Facebook Card, Twitter Card
And send link on my mail
please
Ok Sir, ham jaldi hi in topic ko v cover karenge
गुणवत्तापूर्ण जानकारी के लिए धन्यवाद
आभार आपका
Aabhar aapka dhanyawaad
This is informative blog. It is given knowledge by blog amazing. It is very good.
Very informative blog. I learn about SEO and How to do SEO. Thank you for this helpful post.
Most Welcome