Google BERT Algorithm Kya Hai – यदि आप एक SEO पर्सनल है जो अपने ब्लॉग, वेबसाइट या क्लाइंट के लिए SEO से सम्बंधित काम करते हैं तो आपको पता ही होगा गूगल अपने सर्च इंजन को बेहतर बनाने के लिए नए – नए अपडेट लेकर आते रहता है जिससे कि User Experience तो बेहतर होता ही है, लेकिन कई सारे वेबसाइटों की रैंकिंग डाउन भी हो जाती है.
गूगल अल्गोरिथम की इन्हीं अपडेट में से एक BERT भी है जिसे कि गूगल ने अक्टूबर 2019 से Search Query में रोल आउट करना शुरू किया. Google BERT के रोल आउट होने से ब्लॉगर और SEO Person के मन में अनेक सारे सवाल उठने लगे हैं जैसे कि Google BERT क्या है? Google BERT से हमारी वेबसाइट पर क्या असर पड़ेगा? BERT के लिए वेबसाइट को ऑप्टिमाइज़ कैसे करें?
YouTube Channel |
Telegram Group |
अगर आपके मन में भी Google BERT से जुड़े सवाल आ रहे हैं तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है. क्योंकि इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको Google BERT की कम्पलीट इनफार्मेशन देने वाले हैं. BERT को अच्छे से समझने के लिए इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा अंत तक पढ़ें.
तो चलिए आपका अधिक समय ना लेते हुए शुरू करते हैं आज का यह आर्टिकल.
BERT का फुल फॉर्म क्या है (BERT Full Form)
BERT का फुल फॉर्म Bidirectional Encoder Representations From Transformer होता है जिसे कि हिंदी में ट्रांसफॉर्मर से द्विदिश एनकोडर प्रतिनिधित्व कहते हैं.
आपको अभी BERT की फुल फॉर्म बहुत जटिल लग रही होगी लेकिन चिंता मत करिए, इस आर्टिकल को अंत तक पढने पर आप BERT को भली – भांति से समझ जायेंगें.
Google BERT क्या है?
Google BERT नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) के लिए गूगल सर्च इंजन का एक अल्गोरिथम है जिसे कि गूगल की AI टीम ने बनाया है. BERT किसी यूजर के द्वारा की गयी Query को नेचुरल तरीके से समझकर उसे सबसे बेस्ट रिजल्ट दिखाता है.
गूगल के अनुसार BERT अल्गोरिथम ह्यूमन के द्वारा सर्च की जा रही Query को Normal Human की तरह समझने में गूगल की मदद करता है. BERT अल्गोरिथम की मदद से गूगल पर Query करने वाले यूजर को उसकी Query से Exact Match कंटेंट मिल पाते हैं.
कोई भी सर्च इंजन या कंप्यूटर सिस्टम इंसान की भावनाओं को नहीं समझ पाते हैं, क्योंकि इसमें केवल लैंग्वेज नॉलेज की जरुरत नहीं होती है बल्कि Query के इमोशन, कल्चर, कंडीशन को भी समझना होता है. और अनेक बार Same Sentence के कई मतलब हो सकते हैं.
लेकिन Google BERT यूजर के द्वारा की गयी Query के Words को समझकर यह पता लगा सकता है कि यूजर ने किस इमोशन, कंडीशन, रेफेरेंस या कल्चर के साथ Query की है. और फिर उसी के according सबसे सटीक रिजल्ट यूजर को दिखाता है.
Natural Language Processing क्या है?
Natural language processing (NPL) एक आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस होता है जिसका उद्देश्य कंप्यूटरों को मनुष्यों के नेचुरल रूप से कम्यूनिकेट करने के तरीके को समझने में सक्षम बनाना है. NPL के कुछ उदाहरण Chatbot, स्मार्टफोन में Word Suggestion आदि हैं.
Google BERT का इतिहास
BERT Algorithm कोई बहुत अधिक पुराना नहीं है. BERT को गूगल की AI Team ने नवम्बर 2018 को बनाकर रिलीज़ किया था. लेकिन गूगल में अपने सर्च सिस्टम में 21 अक्टूबर, 2019 से रोल आउट करना शुरू किया.
शुरुवात में BERT को अमेरिका में केवल इंग्लिश लैंग्वेज में 10 प्रतिशत Search Query के साथ शुरू किया गया था. लेकिन धीरे – धीरे गूगल ने BERT को और भी भाषाओं की Search Query में भी रोल आउट किया. आज Google BERT हिंदी, अंग्रेजी समेत दुनियाभर की 70 भाषाओं की Search Query में अच्छे से काम करता है.
इन 70 भाषाओं में कई सारी भारत की क्षेत्रीय भाषायें भी शामिल हैं जिसमें गुजरती, मराठी, तमिल, तेलगु, कन्नड़ आदि शामिल हैं.
BERT से पहले भी गूगल एक पास अनेक सारे लैंग्वेज प्रोसेसिंग मॉडल थे, लेकिन वे इतनी अधिक सटीकता से सर्च क्वेरी को नहीं समझ पाते थे. BERT काफी accuracy से सर्च क्वेरी को समझ सकता है.
Google BERT कैसे काम करता है?
Google BERT के काम करने के तरीके को अच्छी प्रकार से समझने के लिए हमें इसके हर एक word को अच्छे से समझने की जरुरत है.
BERT का पहला word है “Bidirectional” इसका मतलब होता है दो डायरेक्शन वाला. BERT से पहले जितने भी लैंग्वेज मॉडल थे वे सभी वे word को या तो right से left की ओर पढ़ते थे या फिर left से right की ओर. लेकिन BERT दोनों डायरेक्शन में word को समझ सकता है.
उदाहरण के लिए माना एक शब्द है Bank. अगर इसके आगे “Account” जोड़ दिया जाये तो इसका मतलब है कि Bank Account की बात हो रही है, और अगर इसके आगे “Of River” लगा दिया जाये तो इसका मतलब नदी के किनारे की बात हो रही है.
यहाँ पर Bank शब्द में कोई बदलाव नहीं हो रहा है बस उसके आगे के शब्दों में बदलाव हो रहा है. Bank के आगे लिखे जाने वाले शब्दों से इसका पूरा मतलब बदल जा रहा है इसे ही Bidirectional कहते हैं.
अब समझते हैं, Encoder Representations From Transformer को. नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग में Transformer का मतलब होता है दो या दो से अधिक शब्दों के रिलेशन को समझना. इसके भी दो पार्ट होते हैं एक Encoder और दूसरा Decoder.
Encoder का मतलब होता है किसी टेक्स्ट को पढ़कर उसके मतलब को समझना और Decoder का मतलब होता है किसी टेक्स्ट को पढ़कर ढेर सारे टेक्स्ट बना देना. Encoder Representations का मतलब होता है Encoder ने सेंटेंस का जो मतलब समझा है उसे बताना.
इस प्रकार से अगर हम BERT को एक लाइन में कहें तो Transformer ने किसी सेंटेंस का दोनों डायरेक्शन में जो मतलब समझा है उसको परिभाषित करना. यानि यूजर गूगल सर्च इंजन में जो भी Query करता है BERT उसे समझकर accuracy के साथ रिजल्ट यूजर को दिखाता है.
BERT केवल Encoder है Decoder नहीं, यानि कि BERT टेक्स्ट के आधार पर कोई नया कंटेंट जनरेट नहीं कर सकता है यह केवल दिए गए टेक्स्ट को समझ सकता है.
Google BERT क्या कर सकता है?
Google BERT नेचुरल प्रोसेसिंग लैंग्वेज में मुश्किल से मुश्किल टास्क को हैंडल कर सकता है. BERT के द्वारा किये जाने वाले कुछ काम निम्नलिखित हैं.
- किसी भी Movie या प्रोडक्ट का Review Positive है या Negitive इसे BERT समझ सकते हैं.
- किसी बड़े से आर्टिकल की Summery को बनाना.
- किसी भी Text की Predict करना. जैसे आप कोई word टाइप कर रहे हैं तो कीबोर्ड बता देता है कि आप आगे क्या टाइप करने वाले हैं.
- Chatbot के लिए Question को Natural तरीके से answer करना.
- किसी भी टॉपिक पर कंटेंट को लिख सकता है.
- Speech से Text को ट्रांसक्रिप्ट कर सकता है.
- हरासमेंट वाले कंटेंट को डिटेक्ट कर सकता है.
- BERT यूजर की Query को बेहतर तरीके से समझ सकता है और उसके अनुसार बेस्ट रिजल्ट दिखा सकता है.
ये सभी कुछ प्रमुख कार्य हैं जिन्हें Google BERT कर सकता है.
BERT के लिए अपनी वेबसाइट में क्या बदलाव करें?
BERT के लिए आपको अपने कंटेंट में कुछ ख़ास बदलाव नहीं करने हैं जैसे आप कंटेंट लिख रहे हैं वैसे ही लिखते हैं. BERT का काम Search Query को समझना है, यह केवल Search Query के लिए apply किया जाता है.
BERT अल्गोरिथम गूगल ने अपने सर्च रिजल्ट को बेहतर बनाने के लिए लांच किया है जिससे कि यूजर को बेस्ट एक्सपीरियंस मिल सके. एक कंटेंट क्रिएटर को अपने कंटेंट में किसी भी प्रकार से बदलाव करने की जरुरत नहीं है. आप बस Quality Content अपने ब्लॉग पर पब्लिश करते रहें.
क्या BERT Feature Snippet को प्रभावित करता है?
जी हाँ BERT से गूगल Feature Snippet में दिखाये जाने वाले रिजल्ट को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि BERT का मुख्य मकसद यही है कि यूजर की Query को अच्छे से समझकर उसे सबसे बेस्ट रिजल्ट दिखाना.
Feature Snippet वह सेक्शन होता है जिसमें गूगल यूजर की Query का Quick Result सर्च इंजन रिजल्ट पेज के सबसे टॉप में दिखाता है. यह रिजल्ट गूगल खुद से जनरेट नहीं करता है बल्कि उस Query से relevant वेबपेजों से ही दिखाता है.
अगर आपके आर्टिकल में यूजर की Query का सबसे बेस्ट answer होगा तभी आपकी वेबसाइट Feature Snippet में दिखाई जायेगी.
यह आर्टिकल भी पढ़ें –
- ब्लॉग को गूगल पर रैंक कैसे करें
- ब्लॉग को रैंक होने में कितना समय लगता है
- Google Sendbox क्या है
- Google AMP क्या है
- Google Search Console क्या है
- Google Web Stories क्या है
- Core Web Vital क्या है
- ब्लॉग पोस्ट को गूगल सर्च में कैसे लायें
- ChatGPT क्या है
Final Word: Google BERT Algorithm Kya Hai
दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको Google BERT Algorithm Kya Hai के बारे में कम्पलीट जानकारी दी है, हमें पूरी उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़कर आप भी Google BERT को अच्छे से समझ गए होंगें. यदि अभी भी आपके मन में BERT अल्गोरिथम से जुड़े कोई सवाल हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं. साथ ही इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक शेयर करें.
लेख को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद||